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Democracy and Governance | Political Science | DU Important Links

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Hello friends Welcome again in this blog. Today I am going to share syllabus of BA(prog) Political Science, important links. It is Provided by  University Of Delhi . You just need to click on the highlighted link and get related materials. So, Let's the Fun Begin.... Credit- Canva UNIVERSITY OF DELHI BA (Prog.) III YEAR | HISTORY SEC-VI | POPULAR CULTURE Important Notes

कोरोना का असर, हम सब पर...

Coronavirus भारत सहित सभी राष्ट्रों में एक  महाप्रलय के रूप में उत्पन्न हुआ है! देखा जाये तो जब भारत में इसने कदम रखा तब बहुत से लोग एकदम निर्भीक होकर इसको देख रहे थे! उस वक्त शायद लोगों के मन में ये बात नहीं आयी होगी कि ये कोई बड़ा रोग भी साबित हो सकता है, हालाँकि चीन के वुहान से इसने अपना रंग पूरे विश्व को दिखा दिया था! परन्तु भारत के नागरिक किसी रोग को तब तक गंभीरता से नहीं लेते जब तक ये अधिक गंभीर अथवा असाध्य न हो जाये! खैर ये तो आम जनता की बात हुयी परन्तु हमारे देश के अन्य बुद्धिजीवियों से लेकर नामी नेताओं ने भी इसकी ओर अधिक ध्यान नहीं दिया! भारत जैसे देश में जहाँ अशिक्षित लोगों की जनसँख्या अधिक है वहां इसकी ओर किसी की नजर भी नहीं गयी! परन्तु चमत्कारी रूप से भारत ने अधिक देर भी न की और अपने गलतियों को सुधारते हुए हवाई यात्राओं पर लगाम लगा दिया!

COVID-19-PANDEMIC
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                                            विश्व भर में भारत पहला ऐसा देश बना जिसने इस  भयंकर रोग पर नियंत्रण के प्रयास के तौर पर इतना शीघ्र कदम उठाया। शायद भारत ने अन्य देशों की स्थिति का आंकलन करके ये कदम उठाया था। दूरदर्शिता की बात से मुझे एक तथ्य याद आ गया।
सन् 2017 में एक आयोजन में Microsoft के संस्थापक Bill Gates ने कहा था कि, "आने वाले समय में विश्व को जैविक हथियार से खतरा होगा और अमरिका को इसके लिए तैयार होकर इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए।" इसके बाद उन्होंने काफी मुद्रा भी अपने भंडार से अमरीका के सुरक्षा संस्थान को भेंट दिया।
 इस कथन को कहने वाले कोई बहुत बड़े बुद्धिजीवी, डॉक्टर, वैज्ञानिक आदि नहीं थे, एक साधारण से दिखने वाले व्यक्तिव के बड़े छवि वाले Bill Gates थे। उनकी दूरदर्शिता को अगर हम आज के सन्दर्भ में देखे तो हम पाएंगे कि ये सही मायने में उनके कथन से मिलता जुलता है। हालाँकि ये साबित नहीं हुआ अब तक कि चीन द्वारा इस covid-19 का उपयोग किया गया है परंतु मानव समाज के लिए एक महा खतरे के रूप में ये अवश्य ही सामने आया है। 
      मेरे विचार में नकारत्मक पूरा समाज हो रहा है परंतु हमें हर परिस्थित में सकारत्मक सोच को बनाए रखना है! भारत में बहुत से कदम covid-19 के खिलाफ उठाए गए और लोगों ने सरकार का समर्थन भी दिया परंतु कुछ लोगों ने इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें परेशानी उत्पन्न की! सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए हमें अपना ध्यान इसके सकारत्मक पहलुओं पर देना होगा।

Covid-19 के नकारात्मक प्रभाव-:

  •     आर्थिक प्रभाव-: हालांकि यह बताने का कोई तरीका नहीं है कि वैश्विक COVID-19 नोवल कोरोनावायरस महामारी से आर्थिक नुकसान क्या होगा, अर्थशास्त्रियों के बीच व्यापक समझौता है कि इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। शुरुआती अनुमानों ने भविष्यवाणी की है कि, क्या वायरस एक वैश्विक महामारी बन सकता है, अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं 2020 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मूल्य का कम से कम 2.4 प्रतिशत खो देंगे, प्रमुख अर्थशास्त्री पहले से ही वैश्विक आर्थिक विकास के 2020 के पूर्वानुमान को कम करने के लिए चारों ओर से नीचे  3.0 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत।  इस संख्या को परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, वैश्विक जीडीपी का अनुमान 2019 में लगभग 86.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था - जिसका अर्थ है कि आर्थिक विकास की मात्रा में आर्थिक उत्पादन केवल 0.4 प्रतिशत की गिरावट से लगभग 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।  हालाँकि, ये भविष्यवाणियां COVID-19 के वैश्विक महामारी बनने से पहले और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक संपर्क पर व्यापक प्रतिबंधों को लागू करने से पहले की गई थीं।  तब से, वैश्विक शेयर बाजारों को प्रकोप के कारण नाटकीय रूप से गिरावट का सामना करना पड़ा है, और डॉव जोन्स ने 16 मार्च, 2020 को लगभग 3,000 अंकों के अपने सबसे बड़े एकल-दिन के गिरावट की रिपोर्ट की - अपने 2,300 अंकों के पिछले रिकॉर्ड को हराकर जो केवल चार दिन पहले निर्धारित किया गया था।

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                                                  COVID-19 महामारी से होने वाली आर्थिक क्षति काफी हद तक मांग में गिरावट से प्रेरित है, जिसका अर्थ है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए उपभोक्ता नहीं हैं।  यह गतिशील यात्रा और पर्यटन जैसे भारी प्रभावित उद्योगों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।  वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए, देशों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका अर्थ है कि कई लोग छुट्टियों या व्यावसायिक यात्राओं के लिए उड़ानें नहीं खरीद सकते हैं।  उपभोक्ता मांग में इस कमी के कारण एयरलाइनों को नियोजित राजस्व खोना पड़ता है, जिसका अर्थ है कि वे तब अपने खर्चों में कटौती करने की आवश्यकता है जो वे संचालित उड़ानों की संख्या को कम करते हैं।  सरकारी सहायता के बिना, अंततः एयरलाइनों को लागत कम करने के लिए ले-ऑफ स्टाफ को भी कम करना होगा।

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                                                               अन्य उद्योगों पर भी यही बात लागू होती है, उदाहरण के लिए तेल और नई कारों की गिरती मांग के साथ दैनिक आवागमन, सामाजिक कार्यक्रम और छुट्टियां अब संभव नहीं हैं।  चूंकि कंपनियां खोए हुए राजस्व के लिए कर्मचारियों को काटना शुरू कर देती हैं, चिंता का विषय यह है कि यह एक निम्न आर्थिक सर्पिल पैदा करेगा जब ये नव बेरोजगार श्रमिक अब अप्रभावित वस्तुओं और सेवाओं की खरीद नहीं कर सकते हैं।  एक उदाहरण के रूप में खुदरा का उपयोग करने के लिए, बेरोजगारी में वृद्धि बिक्री में कमी को कम करेगी जो दुकानदारों के बंद होने से हुई, संकट को ऑनलाइन रिटेल सेगमेंट (जो पूरे संकट में बढ़ गया है) पर आधारित है।  यह गतिशील है कि अर्थशास्त्रियों ने यह विचार किया है कि क्या COVID-19 महामारी महामंदी के पैमाने पर वैश्विक मंदी का कारण बन सकती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के स्पष्ट खतरे के बावजूद, इस बात की उम्मीद भी है कि इस सबसे खराब स्थिति से बचा जा सकता है।

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                                      सरकारों ने पिछले संकटों से सीखा है कि मांग-संचालित मंदी के प्रभावों को सरकारी खर्च के साथ गिना जा सकता है।  नतीजतन, कई सरकारें नागरिकों को मौद्रिक कल्याण के अपने प्रावधान को बढ़ा रही हैं, और यह सुनिश्चित करती हैं कि व्यवसायों को अपने कर्मचारियों को पूरे महामारी में रखने के लिए आवश्यक धन तक पहुंच है।  इसके अलावा, इस संकट की विशिष्ट प्रकृति का अर्थ है कि कुछ क्षेत्रों को लाभ हो सकता है, जैसे कि ई-कॉमर्स, खाद्य खुदरा और स्वास्थ्य सेवा उद्योग - क्षति को ऑफसेट करने के लिए कम से कम कुछ आर्थिक विकास प्रदान करना। 

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                            अंत में, यह तथ्य है कि संकट की स्पष्ट समाप्ति तिथि हो सकती है जब आंदोलन पर सभी प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं (उदाहरण के लिए, जब एक टीका विकसित किया जाता है)।  एक साथ लिया गया, इसका मतलब यह है कि महामारी के खत्म होने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था कम से कम संभव हो सकती है।  अभी भी कई चर हैं जो इस तरह की आर्थिक वसूली को प्रभावित कर सकते हैं - उदाहरण के लिए, कम मांग को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कम आपूर्ति से मध्य अवधि की कमी और कीमत बढ़ सकती है - लेकिन ऐसा सोचने के कुछ कारण हैं, सही मिश्रण के साथ  उचित सरकारी प्रतिक्रियाओं और भाग्य के लिए, कुछ अधिक सर्वनाश की भविष्यवाणियों को पारित करने के लिए नहीं आ सकता है।

  •       मृत्यु की संख्या में बढ़ोतरी:- पूरे विश्व में ४.९ मिलियन (4.9 Million) से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में आ चुके है और ये निरंतर बढ़ता ही जा रहा है! कहीं से भी बीमारों की संख्या पर कोई रोक का आसार नजर नहीं आ रहा है! ये अत्यंत चिंता का विषय है! भारत देश में ही वर्तमान तिथि में १ लाख (1 LAKH) से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में आ चुके है! पूरे विश्व में करीब ३२१ हजार (321 k) लोगों की मृत्यु हो चुकी है! भारत में ३ हजार (3 thousand) से अधिक लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है! लाख उपाय और बचाव के कारण भी इस बीमारी से बबच पाना कठिन ही मालूम पड़ता है! 
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  •    गरीबों का प्रवास:- भारत जैसे देश में जहाँ भारी मात्रा में अशिक्षित और गरीब लोगों का निवास है वहां ये lockdown के कारण बहुत संख्या में बेरोजगारी और रोजाना की रोटी कमाने वाले लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ा! भारत के विभिन्न राज्यों से लोगों ने पैदल सडकों पर प्रवास करना प्रारंभ किया, इस दौरान उनमे से बहुत से मजदूरों की मौत हो गयी! गरीबी के कारण बहुत लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया और इसका प्रमुख कारण कोरोना बना!


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Covid-19 के सकारात्मक प्रभाव:-

  1. सफ़ाई का महत्व बढ़ा- भारतीय समाज में पहले साफ़-सफाई को अधिक महत्व दिया तो जाता था परन्तु इसे घरेलु स्तर पर ही ज्यादा दिया जाता था! सार्वजनिक स्थानों पर भारत में गन्दगी को आमतौर पर देखने को मिलता ही था परन्तु कोरोना जैसे बीमारी के आने के बाद लोगों में डर पैदा हुआ है और अपने साफ-सफाई और हाथ धोने जैसे आदतों पर अधिक बल दिया जाने लगा है!
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  2. सरेआम थूकने, छींकने की बुरी आदत घटी- लोगों ये में ये बात आम थी कि ज्यादातर लोग सामने वाले की सुरक्षा का ध्यान न रखते हुए जहाँ मर्जी छींक अथवा थूक देते थे, परन्तु अब सभी लोगों में इस आदत के प्रति जागरूकता आई है!
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  3. प्रणाम करने की भारतीय चलन का प्रसार हुआ- भारतीय लोगों में भी हाथ जोड़कर प्रणाम करने का भारतीय सांस्कृतिक प्रचलन लगभग समाप्त ही हो गया था तभी इस रोग के आने के बाद लोगों ने हाथ मिलाने के विदेशी आदत को पीछे छोड़कर हाथ जोड़कर दूर से ही अभिवादन करना प्रारंभ किया!
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  4. व्यस्त जीवन शैली से सुकून दिलाया- इस भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में इन्सान को सुकून का पल मिलना मुश्किल था, ऐसे में इस महारोग ने जब लोगो को lockdown के कारण अपने अपने घरों में कैद करवा दिया तो लोगों को भी सुकून का पल मिला और अपने लिए भी समय मिला!
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  5. परिवार के और करीब लाया- इस बीमारी ने लोगों को घर में कैद करवा के अपने परिवार से जुड़ने का,समय बिताने का, प्यार करने का और समझने का अधिक अवसर दिया!
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  6. जंक फ़ूड से निजात पाकर घर का भोजन खाया गया- इस दौरान लोगों को बाहर का घटिया जंक फ़ूड से बेहतर घर का खाना मालूम हुआ और खासकर बच्चों ने घरेलु खाने की आदत डाली!
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  7. लोगों ने नए-नए स्किल(skill) सीखें- घर बैठ कर बहुत-से लोगों ने अपने अंदर के हुनर को संवारा और अपने अन्दर अच्छे स्किल को विकसित किया, जैसे गाना, बजाना,खाना बनाना,नृत्य करना,ब्लोगींग,शायरी लिखना,कविता निर्माण करना, आदि!
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  8. मनुष्यता का असल चेहरा सामने लाया- इस परिस्थिति में लोगों ने एक-दूसरे की सहायता भी की और जितना हो सका आर्थिक रूप से मदद भी की! इससे हमें हमारे समाज में छुपे कुछ मनुष्य जो किसी भी जाती धर्म से ऊँची है सामने आये!
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  9. आपराधिक घटनाओं में कमी देखने को मिली- इस दौरान जब सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद है तो देश भर में किसी भी प्रकार का कोई अघन्य अपराध की कोई खबर अधिक मात्रा में सुनने को नहीं आई है! जैसे की बलात्कार,हत्या ,चोरी,डकैती आदि!
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  10. प्राकृतिक रूप से कई परिवर्तन देखने को मिला- इस कोरोना नामक रोग के कारण लोगों का सड़को पर निकलना बंद हुआ और अन्य सभी तरह के मिल, कारखाने आदि जैसे प्रदुषण फ़ैलाने वाले कार्य भी रोक दिए गए! इसके कारण अनेक प्राकृतिक परिवर्तन आये और वे परिवर्तन इस प्रकार से है-:
  • हवा में शुद्धता आया 
  • आसमान साफ़ हुआ 
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  • जीव-जंतुओं का जीवन सुगम हुआ
  • जंगल में हरियाली बढ़ी
  • नदियों का जल स्वच्छ हुआ
  • पक्षियों के तादाद में बढ़ोतरी हुयी
  • ओजोन परत के छेद में घटाव हुआ
  • पृथ्वी की दशा में हरियाली पुनः देखने को मिला 
  • शहरों में भी रात को तारों के दीदार हुए 
  • जल,वायु,स्थल और ध्वनि प्रदुषण में काफी कमी आई!

बचाव:-

वैसे तो इस बीमारी से बचाव के लिए अभी तक कोई चिकित्सकों द्वारा दवा की खोज नहीं हुयी है परन्तु कुछ उपायों द्वारा इससे बचा जा सकता है! ये उपाय याद करने के तरीके का भी आपको स्मरण हो जायेगा और अच्छे से याद भी रहेगा!
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SMART  बने-:
S- SANITIZER इस्तेमाल करें!
M- MASK लगायें!
A- AVOID करें लोगों से संपर्क!
R- REGULAR HANDWASH करें!
T- TAKE CARE

निष्कर्ष-

कोरोना नामक इस भयानक बीमारी ने पूरे विश्व में काफी भयंकर परिणाम तो दिए ही है, भारत जैसे राष्ट्र में भी अब तक १ लाख (1 Lakh) से अधिक लोगों को चपेट में ले लिया और अनेक लोगों की मृत्यु भी हो गयी है! देखा जाये तो इसके काफी नकारात्मक प्रभाव पड़े है! इसके बावजूद हमें कुछ नियमों के पालन के साथ इसके सकारत्मक प्रभावों को देखते हुए अपने जीवन को चलाना होगा!

Comments

  1. मुझे अच्छा लगा यह पड़ कर
    तुम इसी तरह लिखते रहो

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    Replies
    1. शुक्रिया, जी ज़रूर लिखता रहने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा।

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  2. बहुत acchi news है...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी news तो अच्छी नहीं है, हाँ आप अगर मेरे post की प्रसंशा कर रहे है तो मैं शुक्रिया के साथ कबूल करता हूँ।

      Delete

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